पुनौरा धाम
बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर है जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता सीता का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। इससे जुड़ी कथा है कि मिथिला में एक बार भीषण अकाल पड़ी और वहां के पुरोहित ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी। जब राजा जनक हल चला रहे थे तब जमीन से मिट्टी का एक पात्र निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थी।
पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड के नाम से एक सरोवर है। इस सरोवर को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान प्राप्ति होती है। यहां पंथ पाकार नाम की प्रसिद्ध जगह है। यह जगह माता सीता के विवाह से जुड़ी हुई है। इस जगह पर प्राचीन पीपल का पेड़ अभी भी है, जिसके नीचे पालकी बनी हुई है। पुनौरा धाम आस्था का केंद्र है और यहाँ जरूर जाना चाहिए।
3 फरवरी, 2022 को पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा राज्यसभा में बताया गया कि बिहार के पुनौरा धाम को स्वदेश दर्शन योजना के रामायण सर्किट में तथा प्रसाद योजना में शामिल किया गया है।
- बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम गाँव में माँ जानकी जन्मभूमि मंदिर है, जिसे ही पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है।
- गौरतलब है कि प्रसाद योजना सभी धर्मों के तीर्थ केंद्रों पर सुविधाओं और अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी।
- वहीं स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी, जैसे- रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट आदि।
- बिहार में प्रसाद योजना के अंतर्गत पटना साहिब का विकास तथा स्वदेश दर्शन योजना के तहत जैन परिपथ का विकास, कांवरिया परिपथ का विकास, गांधी परिपथ का विकास, रामायण सर्किट एवं बौद्ध परिपथ शामिल हैं।
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